➤ हिमाचल में 20 दवा निर्माण इकाइयों पर पुलिस–औषधि विभाग की संयुक्त रेड
➤ 4 कंपनियों में गंभीर अनियमितताएं, 5 को निरीक्षण नोटिस जारी
➤ बंद व निलंबित यूनिट्स में प्रतिबंधित व नकली दवाओं के निर्माण की आशंका
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सख्त निर्देशों के बाद नशे के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान और अधिक तेज कर दिया गया है। इसी क्रम में मंगलवार को हिमाचल पुलिस और राज्य औषधि विभाग ने एक बड़ा संयुक्त ऑपरेशन चलाया। अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में 20 दवा निर्माण इकाइयों पर आकस्मिक छापेमारी की गई, जिनमें से चार कंपनियों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। इन इकाइयों पर अब विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है।
पुलिस को इन इकाइयों से संबंधित सूचनाएं मिली थीं कि कुछ बंद या निलंबित दवा फैक्ट्रियों में प्रतिबंधित व नशे में उपयोग होने वाली गोलियों का अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसी आधार पर डीजीपी अशोक तिवारी के निर्देश पर यह बड़ा अभियान शुरू किया गया।
किन जिलों में हुई रेड?
पुलिस के अनुसार राज्य के छह जिलों में यह व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया गया—
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ऊना: 2 इकाइयां
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बिलासपुर: 2 इकाइयां
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सोलन: 4 इकाइयां
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सिरमौर: 1 इकाई
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नूरपुर (पुलिस जिला): 1 इकाई
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बद्दी (पुलिस जिला): 10 इकाइयां
इसके अलावा अन्य 5 कंपनियों को निरीक्षण नोटिस जारी किए गए हैं।
क्या मिला निरीक्षण में?
यह अभियान मुख्य रूप से बंद, निलंबित और लाइसेंस छोड़ चुकी दवा इकाइयों पर केंद्रित था। निरीक्षण के दौरान—
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लाइसेंस व दस्तावेजों की जांच
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स्टॉक ऑडिट
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निर्माण एरिया व गोदामों का भौतिक निरीक्षण
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रिकॉर्ड की सत्यापन प्रक्रिया
की गई। कई स्थानों पर गतिविधियों पर संदेह जताते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
सूचना पर हुई सख्त कार्रवाई
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि कुछ बंद फैक्ट्रियों में नकली दवाओं, फेक ब्रांडेड मेडिसिन, और मनो-संवेदी पदार्थों का चोरी-छिपे निर्माण चल रहा है। इस इनपुट की पुष्टि के लिए यह राज्यव्यापी कार्रवाई की गई।
हिमाचल पुलिस ने कहा कि नशे और अवैध दवाओं के खिलाफ प्रदेश ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रहा है, और ऐसे अभियानों को आगे और कड़ा किया जाएगा।



